पर्यावरण की सुरक्षा किये बगैर किसी की भी सुरक्षा नहीं की जा सकती यह वो जड़ है जिससे पुरे दुनिया का अस्तित्व जुड़ा है। लोग कितने ही बड़े शहर में क्यों ना रहें, कितने ही आधुनिक संसाधनों से युक्त क्यों न हों लेकिन जब शांति चाहिए होती है, जब जिंदगी में घुटन भर जाती है तो प्रकृति की गोद में, हरियाली में जाने का मन करता है। क्योंकि हवा निरंतर एक स्थान से दूसरे स्थान की तरफ प्रवाहित होती रहती है इसलिए शहरों की जहरीली हवा में जंगलों की ताजी और स्वस्थ हवा मिलकर हमें जीवन प्रदान करती है। यदि जंगलों को खत्म कर दिया जाये तो शहरों की प्रदूषक हवायें हमारी जान ले लेंगी। यद्दपि शहरों को ऐसा बनाया जा सकता है की वहाँ प्रदुषण न हो मगर यह सरकार के मजबूत इरादों के बगैर संभव नहीं क्योकि सरकार सबसे ताकतवर, विशाल और अधिकृत संगठन है। जनता भी यह काम कर सकती है मगर इसके लिए प्रत्येक व्यक्ति स्तर पर जागरूकता होनी चाहिए।