अंग्रेजों के शाषन काल में तथा आजादी के बाद सरकारों की किसानों आवश्यक हितों के प्रति जबरदस्त उपेक्षा की वजह से कृषि एवं कृषकों की स्थिति बेहद बुरी होती चली गई। कृषकों को उखाड़ फेंकने का षड्यंत्र भारत की ताकत को खत्म करके इसे गुलाम बनाने का षड्यंत्र रहा है। कृषि के लाभकारी और राष्ट्रीय उत्थान के व्यवसाय का अत्यधिक शोषण करके इसे घाटे का व्यवसाय बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी गई थी।
कृषकों के उत्थान के लिए अपने स्तर पर विशेष काम करना कृषक उत्थान प्रभाग का उद्देश्य है।